तव-मित्रम् की भूमिकाएँ

तव-मित्रम् एक गैर-लाभकारी समूह है जिसका उद्देश्य भावनात्मक रूप से मजबूत भारत का निर्माण करना है। कम-भाग्यशाली लोगों के लिए समूह कोचिंग विधियों को उनके मन, शरीर और आत्मा को ठीक करते हुए उनकी सोच में बदलाव की लहर लाने के लिए तैयार किया गया है।

  1. मित्र कोच के रूप में पहचाने जानेवाले तव-मित्रम् के स्वयंसेवक, तव-मित्रम् की कोर टीम के साथ काम करते हैं ताकि प्रतिभागियों को तव-मित्रम् द्वारा निर्धारित सिद्धांतों का पालन करके एक नया जीवन मिल सके। इनर यूनिवर्स एजुकेशन फाउंडेशन (IIUEF) द्वारा शासित, तव-मित्रम् स्वयंसेवकों को समूह द्वारा निर्धारित भूमिकाओं का पालन करना होगा। तयभूमिकाओं से अपेक्षाओं के अलावा, तव-मित्रम् के सुचारू कामकाज के लिए मित्र कोच से आचार संहिता का पालन करने और उनका अनुसरण करने की भी उम्मीद है।
  2. तव-मित्रम् के प्रतिभागियों ने इस बात की स्वीकृति देनी होगी कि समूह कोचिंग सत्र में शामिल होना पूरी तरह से उनकी अपनी सहमति और इच्छा है।।

    स्वयंसेवकों से अनुरोध है कि वे अपने आवेदन भेजने से पहले भूमिकाओं और नैतिकता की नीति को समझ लें । मित्र कोच की भूमिका की स्वीकृति को तव-मित्रम् द्वारा निर्धारित निम्नलिखित भूमिकाओं और आचार संहिता की स्वीकृति के रूप में माना जायेगा ।

    प्रतिभागियों को आचार संहिता की पूरी समझ प्रदर्शित करने की आवश्यकता है और समूह कोचिंग सत्रों में उनकी उपस्थिति उनकी स्वीकृति के बराबर है जैसेकि यहाँ उल्लिखित किया गया है ।

मित्र कोच की भूमिका

  1. मित्र कोच को प्रतिभागी चर्चाओं के दौरानगौर से सुनने की क्षमता के साथ सुनने के अच्छे कौशल का प्रदर्शन करना है।
  2. मित्र कोच को बिना किसी व्यक्तिगत एजेंडे के केवल संवाद के ज़रिए के तौर पर प्रश्नों या पूछताछ का उपयोग करने का कार्य करना चाहिए।
  3. मित्र कोच को प्रतिभागियों के साथ सलाह देने या साझा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। उनकी प्राथमिक भूमिका बातचीत के लिए एक अवकाशबनाना है - जहां प्रतिभागियों को अपने मन को खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  4. मित्र कोच को व्यक्तिगत सेवाओं, व्यक्तिगत ब्रैंडिंग के विज्ञापन में लिप्त नहीं होना चाहिए, न ही मित्र कोच को हाइलाइट करने के लिए कोई चर्चा करनी चाहिए जो कि उपयुक्त न हो और तव-मित्रम् की आचार संहिता के अनुरूप न हो|
  5. सभी समूह चर्चाओं के प्रति उनका दृष्टिकोण गैर-निर्णयात्मक होना यह मित्र कोच का प्राथमिक कर्तव्य है।
  6. मित्र कोच को मुखर होने के लिए स्थितियों की पहचान करने में सक्षम होना चाहिए और उनकी भूमिका की मर्यादाओं के बारे में जागृत होना चाहिए।
  7. तव-मित्रम् के साथ एक स्वयंसेवक होने के नाते, एक मित्र कोच को तव-मित्रम् की नीतियों, संरचना, आंतरिक प्रक्रियाओं, नियमों, नैतिकता और अन्य बातों का पूर्ण ज्ञान प्रदर्शित करना चाहिए।
  8. मित्र कोच को हमेशा सभी प्रतिभागियों और साथी स्वयंसेवकों के प्रति बड़ी समझ के साथ सम्मान प्रदर्शित करना सीखना चाहिए।
  9. मित्र कोच को अपने ज्ञान को उन्नत करने और स्वयंसेवक लाभ के लिए तव-मित्रम् द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम के अनुसार अपने कौशल को विकसित करने के लिए खुलापन दिखाना चाहिए।
  10. सभी मित्र कोचों को अपनी मर्यादाओं के प्रति जागरूकता को ख़ुद अपने, अपने प्रतिभागियों और सहकर्मियों या स्वयंसेवकों के बीच प्रदर्शित करना चाहिए।

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